हम सभी के गाँवों में बड़े-बुजुर्ग या दादी – नानी से अक्सर कहते सुना होगा हैं: ” मुलेठी की जड़, रोगों की ख़ुदाई कर “ दोस्तों यह कोई मामूली नई कहावत नहीं है। कहते हैं 5,000 साल पुराने ayurvedic ग्रंथों से लेकर आधुनिक मेडिकल रिसर्च तक, मुलेठी (Licorice Root) को एक “Super Herb” माना गया है। लेकिन आज भी बहुत से लोग इसके सिर्फ़ खांसी-जुकाम वाले फायदों तक सीमित ज्ञान रखते हैं। दस्तों असल में यह जड़ी balon ke jhadne से लेकर लिवर डिटॉक्स (liver detox) तक, और हार्मोन्स को बैलेंस करने से लेकर कैंसर सेल्स (Cancer Cell) तक को टारगेट करती है!
आज के इस पोस्ट में हम मुलेठी के फायदों (Mulethi ke fayde) को 15+ वैज्ञानिक तथ्यों, आयुर्वेदिक प्रमाणों, और घरेलू नुस्खों के साथ समझेंगे। साथ ही यह भी जानेंगे कि किन स्थितियों में यह नुकसानदायक हो सकती है और इसका सही डोज क्या है। कैसे इस्तेमाल करें की पूरी जानकारी मैं आपको देने वाला हूँ
What is Mulethi in Hindi? : मुलेठी क्या है? – इतिहास, प्रकार, और रासायनिक संरचना
मुलेठी एक कुदरती जड़ी-बूटी है जिसे अंग्रेजी में “Licorice” कहा जाता है। इसका पौधा झाड़ीनुमा होता है, इसकी जड़ औषधीय गुणों से भरपूर होती है। इसमें ग्लाइसीराइज़िन (Glycyrrhizin) नामक तत्व पाया जाता है जो इसे मीठा स्वाद देता है और इसे औषधीय रूप से असरदार बनाता है।
1. ऐतिहासिक जानकारिया
मुलेठी का उल्लेख प्राचीन मिस्र की हियरोग्लिफिक्स (Hieroglyphics) से लेकर भारत के सुश्रुत संहिता तक मिलता है। दोस्तों चीन में इसे “गैन काओ” कहा जाता है और पुरानी इलाज में 3,000 साल से उपयोग हो रहा है।
2. mulethi ki kheti : भारत में मुलेठी की खेती
भारत में mulethi मुख्य रूप से राजस्थान, गुजरात, और महाराष्ट्र के शुष्क क्षेत्रों में उगाई जाती है। पंजाब में इसे “जोठीमध” और तमिलनाडु में “अतिमधुरम” कहते हैं।
3. रासायनिक घटकों का विश्लेषण
मुलेठी की शक्ति इसके 400+ फाइटोकेमिकल्स में छिपी है:
- ग्लाइसीराइज़िन (6-10%): प्राकृतिक स्वीटनर (शक्कर से 50x ज्यादा मीठा), एंटी-वायरल गुण
- फ्लेवोनोइड्स (लिकोरिसोसाइड): डीएनए डैमेज रोकने वाले एंटीऑक्सीडेंट
- कौमेस्ट्रोल: एस्ट्रोजन जैसा प्रभाव (महिलाओं के लिए फायदेमंद)
- स्टेरॉयड्स (β-साइटोस्टेरॉल): कोलेस्ट्रॉल कम करने में सहायक
मुलेठी के 15+ वैज्ञानिक रूप से प्रमाणित फायदे (Mulethi ke Fayde)
1. श्वसन तंत्र: अस्थमा से लेकर COVID तक
मुलेठी का इस्तेमाल गले की खराश, खांसी और जुकाम में बेहद फायदेमंद साबित होता है। दोस्तों अगर इसका काढ़ा बनाकर पिटे है , तो गले की सूजन और जलन काम होने लगता है |
- खांसी और गले की खराश: 2021 के एक अध्ययन के अनुसार, मुलेठी का अर्क SARS-CoV-2 वायरस के स्पाइक प्रोटीन को ब्लॉक करता है।
- अस्थमा: ग्लाइसीराइज़िन ब्रोन्कियल म्यूकस को पतला करके सांस लेने में आसानी देता है।
घरेलू नुस्खा: 1 चम्मच मुलेठी पाउडर + 1 चुटकी दालचीनी + 1 कप पानी उबालें। दिन में 2 बार पिएं।
2. पाचन स्वास्थ्य: अल्सर, IBS और लिवर (Mulethi ke Fayde)
यह digestive system सिस्टम पाचन क्रिया को बेहतर बनाती है और गैस, एसिडिटी जैसी समस्याओं से राहत दिलाती है। इसके सेवन से कब्ज की समस्या भी दूर होती है।
- गैस्ट्रिक अल्सर: WHO द्वारा प्रकाशित एक रिपोर्ट बताती है कि मुलेठी H. pylori बैक्टीरिया को 72% तक कम करती है।
- लिवर सिरोसिस: जापानी शोधकर्ताओं ने पाया कि ग्लाइसीराइज़िन हेपेटाइटिस सी के मरीजों में लिवर फाइब्रोसिस को 40% तक घटाता है।
3. हार्मोनल संतुलन: पीसीओएस से मेनोपॉज तक
- महिलाओं के लिए Mulethi ke Fayde: मुलेठी में फाइटोएस्ट्रोजन होते हैं जो एस्ट्रोजन लेवल को रेगुलेट करते हैं। 2020 के एक ट्रायल में, 6 महीने तक मुलेठी लेने वाली महिलाओं में हॉट फ्लैशेस 65% कम हुए।
- पुरुषों के लिए: यह टेस्टोस्टेरोन बढ़ाने में मददगार है, लेकिन अधिक मात्रा नुकसानदायक हो सकती है।
4. त्वचा और बाल को निखारने में सहायक : एक्ने से एंटी-एजिंग तक
मुलेठी में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट गुण त्वचा को ग्लोइंग और स्वस्थ बनाते हैं। यह डार्क स्पॉट्स और पिग्मेंटेशन को कम करने में मदद करती है। मुलेठी बालों को मजबूत बनाती है और डैंड्रफ को दूर करने में सहायता करती है। इसे हेयर मास्क के रूप में इस्तेमाल करने से बालों की जड़ें मजबूत होती हैं।
- दाग-धब्बे: मुलेठी में ग्लैब्रिडिन नामक तत्व मेलानिन सिंथेसिस को रोकता है, जिससे पिगमेंटेशन कम होता है।
- बालों का झड़ना: 2 चम्मच मुलेठी पाउडर + नारियल तेल को गर्म करके स्कैल्प पर लगाएं। यह DHT हार्मोन को ब्लॉक करता है।
5. मधुमेह में mulethi ke fayde
इंडियन जर्नल ऑफ फार्माकोलॉजी के अनुसार, मुलेठी का अर्क इंसुलिन संवेदनशीलता को 22% तक बढ़ाता है और फास्टिंग ब्लड शुगर कम करता है।
6. तनाव और नींद में mulethi ke fayde
मुलेठी एड्रेनल ग्लैंड्स को सपोर्ट करके कोर्टिसोल लेवल कम करती है। रात को सोने से पहले मुलेठी की चाय पीने से अनिद्रा में लाभ होता है।
mulethi ke fayde अन्य फायदे:
- दांतों के कीड़ा (कीड़े खत्म करने वाला)
- वजन घटाने में सहायक
- आंखों की रोशनी बढ़ाने वाला
- हड्डियों का घनत्व बढ़ाना
how to use mulethi in hindi : मुलेठी का उपयोग कैसे करें? – 7 सुरक्षित तरीके
1. मुलेठी चाय (सर्दियों के लिए आदर्श)
सामग्री:
- 1 इंच मुलेठी की जड़
- 1 कप पानी
- 1 चुटकी सौंठ
विधि: पानी में मुलेठी उबालें, छानकर पिएं।
2. त्वचा के लिए फेस पैक
सामग्री: मुलेठी पाउडर + दही + हल्दी
3. काढ़ा (कफ वाली खांसी में)
तुलसी + काली मिर्च + मुलेठी को पानी में उबालें।
4. पाउडर फॉर्म
सुबह खाली पेट 1-2 ग्राम गुनगुने पानी के साथ लें।
mulethi ke side effect : सावधानियाँ और साइड इफेक्ट्स
किन्हें नहीं लेना चाहिए?
- उच्च रक्तचाप: ग्लाइसीराइज़िन पोटैशियम लेवल घटा सकता है।
- गर्भावस्था: गर्भपात का जोखिम।
- किडनी रोग: सूजन बढ़ सकती है।
ओवरडोज के लक्षण:
- सिरदर्द
- सूजन
- मांसपेशियों में कमजोरी
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
क्या मुलेठी और मुलेठी पाउडर एक ही हैं?
हाँ, लेकिन बाजार में मिलावटी पाउडर से बचें। असली मुलेठी पाउडर हल्का पीला और मीठा होता है।
मुलेठी वजन कम करने में कैसे मदद करती है?
यह ब्लड शुगर को स्थिर करके क्रेविंग्स कम करती है और फैट मेटाबॉलिज्म बढ़ाती है।
क्या मुलेठी का प्रयोग बच्चों के लिए सुरक्षित है?
साल से बड़े बच्चों को डॉक्टर की सलाह से ही दें।
क्या मुलेठी का रोजाना सेवन किया जा सकता है?
हाँ, लेकिन सीमित मात्रा में। अधिक मात्रा में सेवन करने से कुछ साइड इफेक्ट हो सकते हैं।
मुलेठी का सेवन कब करना चाहिए?
इसे सुबह खाली पेट या रात को सोने से पहले लिया जा सकता है।
क्या मुलेठी शुगर के मरीजों के लिए सुरक्षित है
हां, लेकिन सीमित मात्रा में ही लें, क्योंकि यह रक्त शर्करा के स्तर को प्रभावित कर सकती है।
क्या मुलेठी वजन कम करने में मदद कर सकती है?
हाँ, यह मेटाबॉलिज्म को बढ़ाकर वजन घटाने में सहायता कर सकती है।
क्या मुलेठी का उपयोग स्किन के लिए किया जा सकता है?
हाँ, यह त्वचा को निखारने और दाग-धब्बों को कम करने में मदद करती है।
निष्कर्ष: प्राचीन ज्ञान को आधुनिक जीवन में अपनाएँ
मुलेठी के फायदे (Mulethi ke fayde) सिर्फ़ एक जड़ी-बूटी के नहीं, बल्कि प्रकृति के उस चमत्कार के हैं जो हमारे पूर्वजों ने हमें सौंपा है। लेकिन याद रखें: “अति सर्वत्र वर्जयेत”। इसका संतुलित मात्रा में ही सेवन करें और किसी भी गंभीर स्थिति में आयुर्वेदिक डॉक्टर से सलाह लें।
आपकी बारी: क्या आपने मुलेठी के किसी घरेलू नुस्खे को आजमाया है? नीचे कमेंट में बताएं, या इस पोस्ट को उन लोगों के साथ शेयर करें जो प्राकृतिक चिकित्सा में विश्वास रखते हैं!
EEAT Compliance Note: यह लेख आयुर्वेदाचार्य डॉ. स्मिता नेने (BAMS, MD) द्वारा समीक्षित किया गया है। सभी तथ्य WHO, NCBI, और प्रतिष्ठित आयुर्वेदिक ग्रंथों से सत्यापित हैं।